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      निदेशालय की स्थापना-            (21 जुलाई, 1986)

उत्तर प्रदेश शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या एस-3-1982/दस-34(43)/86 दिनांक 21 जुलाई, 1986 द्वारा राज्य के सभी विभागों में लेखा रखने की पद्धति में सुधार लाने हेतु अध्ययन कर प्रशासनिक विभाग एवं वित्त विभाग को सुझाव देने तथा विभागाध्यक्षों एवं अधीनस्थ क्षेत्राीय कार्यालयों तक बनाये जाने वाले लेखों के निरीक्षण और उसमें पायी गयी कमियों के निराकरण के उद्देश्य से ’’विभागीय लेखा निदेशालय, उ0प्र0, लखनऊ’’ की स्थापना की गयी थी। शासनादेश संख्या बी-1-2438/दस-1988 दिनांक 21-07-1988 द्वारा विभिन्न विभागों के कोषागार में खोले गये ’’वैयक्तिक लेखा खातों की नियमित सम्परीक्षा’’ निदेशक, विभागीय लेखा उ0प्र0 लखनऊ द्वारा किये जाने का दायित्व सौंपा गया ।

विभाग का नाम परिवर्तन एवं अतिरिक्त कार्य सौंपा जानाः-    (15 जनवरी, 2003)

 शासनादेश संख्या-रा0आ0 ले0प0प्र0-2030/दस-03-10 (112 ए)/01 दिनांक 15 जनवरी, 2003 द्वारा वित्तीय प्रबन्धन के आधुनिकीकरण एवं आन्तरिक लेखा परीक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से इस निदेशालय को विभागीय लेखा के अतिरिक्त आन्तरिक लेखा परीक्षा से सम्बन्धित कार्य सौंपते हुए इस निदेशालय का नाम परिवर्तित करके आन्तरिक लेखा परीक्षा निदेशालय रखा गया।

विभाग का नाम परिवर्तन एवं अतिरिक्त कार्य सौंपा जानाः-    (19 जून,2012)

  उपरोक्त कार्यों के साथ-साथ निदेशक, आन्तरिक लेखा परीक्षा, उ0प्र0 को वेतन समिति(2008) के दसवें प्रतिवेदन (भाग-6)  में वित्त विभाग के अन्तर्गत आन्तरिक लेखा परीक्षा निदेशालय, उ0प्र0 के सम्बन्ध में वित्त (वेतन आयोग) अनुभाग-2 के शासनादेश संख्या-वे0आ0-2-2022/ दस-54(एम)2008टी0सी0, दिनांकः 28 नवम्बर, 2011 एवं वित्त (सेवायें) अनुभाग-1, उ0प्र0 शासन के शासनादेश संख्या-एस0ई0-324/दस- 2012-आ-11/2011, दिनांकः 19-06-2012 द्वारा ’’प्रदेश के विभिन्न विभागों  उपलब्ध अधीनस्थ लेखा संवर्ग के सहायक लेखाकार, लेखाकार एवं सहायक लेखाधिकारी तथा लेखा परीक्षा संवर्ग के लेखा परीक्षक, वरिष्ठ लेखा परीक्षक एवं सहायक लेखाधिकारी के पदों पर चयन, नियुक्ति तथा स्थानान्तरण की कार्यवाही का दायित्व’’ इस निदेशालय को सौंपा गया हैं।